महान बनो (हिंगलिश कविता)
महान होने की है यह पहली कंडिशन
विचारों में न हो तनिक फ़्लक्चुएशन।
प्रैक्टिकल बनकर न पहुँचोगे शीर्ष पर
हमेशा नज़रों के सामने रखो, अपना एम्बिशन।
टीवी चैनलों से सदैव सदाचार लेते रहो
बुरी आदतों को न दो मन में आने की परमिशन।
ये नहीं कि केवल मित्रों की बराबरी करो
रोज़ करते रहो तुम ख़ुद से भी कॉम्पटिशन।
जब भी तुम्हारे ऊपर ज़ुर्म या ज़्यादती हो
न भूलो कोर्ट में जाकर करना एक पटिशन।
भाई-भाई में रही है सदा ही झगड़ने की प्रथा
छोटी सी बात को लेकर न करो घर का पार्टिशन।
केवल अपना राग अलापना, अच्छे लक्षण नहीं
दो मौका सबको बोलने का, न समझो उन्हें अपोज़िशन।
शब्दार्थ-
कंडिशन- शर्त, फ़्लक्चुएशन- उतार-चढ़ाव, प्रैक्टिकल- व्यवहारिक, एम्बिशन- महात्वकांक्षा, परमिशन- अनुमति, कॉम्पटिशन- प्रतिस्पर्धा, पटिशन- याचिका, पार्टिशन- विभाजन, अपोज़िशन- विरोधी।
लेखन-तिथि- २२ नवम्बर २००६ तद्नुसार विक्रम संवत् २०६३ मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष द्वितीया।